आपका “Namaz Ke Baad Ki Dua” के बारे में हमारे नवीनतम ब्लॉग पोस्ट में स्वागत है। यह दुआ मुसलमानों द्वारा नमाज़ समाप्त करने के बाद पढ़ी जाती है, जो अल्लाह की शान और सम्मान को याद दिलाती है। इसका उद्गम इस्लाम की प्रमुख धार्मिक किताब, कुरान से है। जब मुसलमान अपनी नमाज़ समाप्त करते हैं और अल्लाह से शांति और आशीर्वाद मांगते हैं, तो वे इस दुआ को पढ़ते हैं। इस दुआ की गहराई को समझने के लिए हमारे साथ जुड़ें।
Contents
नमाज़ के बाद की दुआ का अरबी मतन
اللهم أنت السلام ومنك السلام، تباركت يا ذا الجلال والإكرام
Allahumma antas-salam wa minkas-salam, tabarakta ya zal-jalali wal-ikram.
Namaz Ke Baad Ki Dua in Hindi तर्जुमा और तफ़सीर
अल्लाहुम्मा अंतस सलाम व मिंकस सलाम, तबारक्ता या ज़ल जलाली वल इकराम।
तर्जुमा:
ऐ अल्लाह, तू ही सलामती का सरचश्मा है और तुझ से ही सलामती आती है। तू मुबारक है, ऐ शान और इज़्ज़त के मालिक।
Understanding the Namaz Ke Baad Ki Dua: English Perspective
O Allah, You are the Peace, and peace comes from You. Blessed are You, O Possessor of glory and honour
This dua is often recited after the completion of a prayer. The Prophet Muhammad (peace be upon him) used to say this dua after finishing the prayer and before turning around from the prayer direction.
The meaning of this dua is profound. It acknowledges Allah as the source of peace and perfection and praises Allah for His majesty and honour. It’s a way of seeking peace and blessings from Allah after the prayer and a form of remembrance of Allah’s attributes.
Conclusion | वजहत
उम्मीद है कि आपको हमारा ब्लॉग पोस्ट “नमाज़ के बाद की दुआ” पसंद आया होगा। यह दुआ हमें याद दिलाती है कि अल्लाह ही सुकून का जरिया है और हमें उसकी बड़ाई और इज्जत की तारीफ करनी चाहिए। अगली बार जब आप नमाज़ पढ़ें, इस दुआ को याद रखें और इसके मायने को समझने की कोशिश करें।