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मस्जिद की दुआएं | Masjid Ki Duaein

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मस्जिद हमारी जिंदगी का सबसे मुकद्दस मकाम है। मस्जिद में दाखिल होने और निकलने के लिए अलग-अलग दुआएं हैं। आज हम इन तमाम दुआओं को तफसील से जानेंगे – मस्जिद में जाने की दुआ, मस्जिद में दाखिल होने की दुआ, और मस्जिद से निकलने की दुआ। यह मुकम्मल गाइड खास तौर पर बच्चों और नए नमाजियों के लिए बनाई गई है।

मस्जिद में जाने की दुआ का मुकम्मल मतन

अरबी में दुआ:

اللَّهُمَّ افْتَحْ لِي أَبْوَابَ رَحْمَتِكَ

रोमन में पढ़ने का तरीका:

“Allahumma aftah li abwaba rahmatik”

हिंदी में तलफ्फ़ुज़:

“अल्लाहुम्मफ़्तह् ली अबवाब रहमतिक”

मायने:

“ऐ अल्लाह! मेरे लिए अपनी रहमत के दरवाज़े खोल दीजिए”
(O Allah! Open the doors of Your mercy for me)

Masjid Me Jane Ki Dua

मस्जिद में दाखिल होने की दुआ

अरबी में दुआ:

بِسْمِ اللهِ وَالصَّلَاةُ وَالسَّلَامُ عَلَى رَسُولِ اللهِ اللَّهُمَّ افْتَحْ لِي أَبْوَابَ رَحْمَتِكَ

रोमन में पढ़ने का तरीका:

“Bismillahi wassalatu wassalamu ala rasulillahi, Allahumma aftah li abwaba rahmatik”

हिंदी में तलफ्फ़ुज़:

“बिस्मिल्लाहि वस्सलातु वस्सलामु अला रसूलिल्लाहि, अल्लाहुम्मफ़्तह् ली अबवाब रहमतिक”

मायने:

“अल्लाह के नाम से, और दुरूद व सलाम हो अल्लाह के रसूल पर, ऐ अल्लाह! मेरे लिए अपनी रहमत के दरवाज़े खोल दीजिए”

Masjid Mein Dakhil Hone Ki Dua

मस्जिद से निकलने की दुआ

अरबी में दुआ:

اللَّهُمَّ إِنِّي أَسْأَلُكَ مِنْ فَضْلِكَ

रोमन में पढ़ने का तरीका:

“Allahumma inni as’aluka min fadlik”

हिंदी में तलफ्फ़ुज़:

“अल्लाहुम्म इन्नी अस्अलुका मिन फज़्लिक”

मायने:

“ऐ अल्लाह! मैं आपसे आपका फज़ल मांगता हूं”

Masjid Se Bahar Nikalne Ki Dua

तीनों दुआओं को आसानी से कैसे याद करें

मस्जिद में जाने की दुआ के हिस्से:

  1. अल्लाहुम्म।
  2. फ़्तह् ली।
  3. अबवाब।
  4. रहमतिक।

मस्जिद में दाखिल होने की दुआ के हिस्से:

  1. बिस्मिल्लाहि।
  2. वस्सलातु वस्सलामु।
  3. अला रसूलिल्लाहि।
  4. अल्लाहुम्मफ़्तह् ली।
  5. अबवाब रहमतिक।

मस्जिद से निकलने की दुआ के हिस्से:

  1. अल्लाहुम्म।
  2. इन्नी अस्अलुका।
  3. मिन फज़्लिक।

याद करने के आसान तरीके:

  1. हर हिस्से को अलग-अलग याद करें।
  2. दिन में कम से कम तीन बार दोहराएं।
  3. मोबाइल में तस्वीर रख लें।
  4. दोस्तों के साथ मिल कर याद करें।
  5. हर नमाज के वक्त प्रैक्टिस करें।

मस्जिद जाने के आदाब

  1. पाक-साफ कपड़े पहनें।
  2. वुज़ू करके जाएं।
  3. दाहिना क़दम पहले रखें।
  4. जूते-चप्पल मुक़र्ररा जगह पर रखें।
  5. सुकून से चलें।
  6. बेवजह गुफ्तगू न करें।
  7. मोबाइल साइलेंट पर रखें।
  8. सफें सीधी करें।
  9. नमाज के लिए जल्दी पहुंचें।
  10. अज़ान का जवाब दें।

हर दुआ के मखसूस मौक़े

मस्जिद में जाने की दुआ:

  1. घर से निकलते वक्त।
  2. रास्ते में चलते हुए।
  3. मस्जिद की तरफ जाते हुए।

मस्जिद में दाखिल होने की दुआ:

  1. मस्जिद की सीढ़ियां चढ़ते वक्त।
  2. दरवाज़े पर।
  3. अंदर क़दम रखते वक्त।

मस्जिद से निकलने की दुआ:

  1. नमाज के बाद।
  2. मस्जिद से बाहर निकलते वक्त।
  3. बायां क़दम पहले निकालें।

बच्चों के लिए खास हिदायत

  1. वालिदैन के साथ मस्जिद जाएं।
  2. दुआएं आहिस्ता-आहिस्ता याद करें।
  3. दोस्तों को भी तालीम दें।
  4. मस्जिद में शोर न मचाएं।
  5. नमाज के बाद दुआ में हाथ उठाएं।
  6. बड़ों का एहतराम करें।
  7. छोटों से मोहब्बत करें।
  8. मस्जिद की सफाई का ख्याल रखें।

तीनों दुआओं की फज़ीलत

  1. यह हमारे नबी ﷺ की सुन्नत हैं।
  2. रहमत के दरवाज़े खुलते हैं।
  3. अल्लाह का फज़ल मिलता है।
  4. नेकियां मिलती हैं।
  5. दिल को इत्मीनान मिलता है।
  6. गुनाहों की माफी का ज़रिया हैं।
  7. रूहानी तरक्की होती है।
  8. दुआएं क़बूल होती हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवालात

क्या तीनों दुआएं याद करना ज़रूरी है?

सभी दुआएं सुन्नत हैं, बेहतर है कि धीरे-धीरे सब याद कर लें।

क्या दुआएं सिर्फ अरबी में ही पढ़नी चाहिए?

इब्तिदा में आप अपनी ज़बान में भी पढ़ सकते हैं। आहिस्ता-आहिस्ता अरबी सीख लें।

अगर दुआ भूल जाएं तो क्या करें?

कोई हर्ज नहीं, दिल से अल्लाह से दुआ मांगें। रफ्ता-रफ्ता याद हो जाएगी।

क्या बच्चे भी यह दुआएं पढ़ सकते हैं?

बिल्कुल! बच्चों को छोटी उम्र से ही यह दुआएं सिखानी चाहिए।

दुआओं का वक़्त और तरतीब

सही तरतीब:

  1. घर से निकलने की दुआ।
  2. मस्जिद में जाने की दुआ।
  3. मस्जिद में दाखिल होने की दुआ।
  4. नमाज।
  5. मस्जिद से निकलने की दुआ।

मुस्तहब वक़्त:

  1. फजर की नमाज।
  2. जुमे की नमाज।
  3. ईद की नमाज।
  4. तहज्जुद की नमाज।
  5. तरावीह की नमाज।

अहम याददाश्त

  1. दुआओं को समझ कर पढ़ें।
  2. मायने पर गौर करें।
  3. रोज़ाना पढ़ने की आदत डालें।
  4. बच्चों को भी तालीम दें।
  5. दूसरों की मदद करें।

आखिरी बात

याद रखें, मस्जिद बैतुल्लाह है। यहां अदब से जाएं और यह दुआएं जरूर पढ़ें। अल्लाह हम सब को नेक अमल की तौफीक़ अता फरमाए और इन दुआओं को सीखने और पढ़ने की नियत मक़बूल फरमाए। आमीन।


Note for English readers:

This comprehensive guide explains three essential duas (prayers) related to the mosque:

  1. The dua for going to the mosque.
  2. The dua for entering the mosque.
  3. The dua for leaving the mosque.

The article provides the Arabic text, transliteration, meaning, and proper etiquette for each dua, along with guidance on memorization and implementation in daily prayers.


यह गाइड सही अहादीस और उलमा-ए-किराम की रहनुमाई से तैयार की गई है। अगर कोई गलती हो तो इस्लाह की दरखास्त है।