इस्तिखारा की दुआ: मुकम्मल गाइड | Complete Guide to Istikhara Prayer
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ज़िंदगी में कई बार हम ऐसे मोड़ पर आ जाते हैं जहां फैसला लेना मुश्किल हो जाता है। इस्तिखारा की दुआ अल्लाह से सीधी रहनुमाई मांगने का एक खास ज़रिया है। यह दुआ हमारे नबी मुहम्मद ﷺ ने हमें सिखाई है, जो हर अहम फैसले में हमारी मदद करती है।
इस्तिखारा क्या है? | What is Istikhara?
इस्तिखारा अरबी लफ्ज़ है, जिसका मतलब है ‘भलाई तलब करना’। यह एक खास दुआ है जिसके ज़रिए हम अल्लाह से किसी काम की भलाई या बुराई के बारे में रहनुमाई मांगते हैं।
मुकम्मल इस्तिखारा की दुआ | Complete Istikhara Dua
अरबी मतन | Arabic Text
اللَّهُمَّ إِنِّي أَسْتَخِيرُكَ بِعِلْمِكَ وَأَسْتَقْدِرُكَ بِقُدْرَتِكَ، وَأَسْأَلُكَ مِنْ فَضْلِكَ الْعَظِيمِ، فَإِنَّكَ تَقْدِرُ وَلاَ أَقْدِرُ وَتَعْلَمُ وَلاَ أَعْلَمُ وَأَنْتَ عَلاَّمُ الْغُيُوبِ، اللَّهُمَّ إِنْ كُنْتَ تَعْلَمُ أَنَّ هَذَا الأَمْرَ خَيْرٌ لِي فِي دِينِي وَمَعَاشِي وَعَاقِبَةِ أَمْرِي فَاقْدُرْهُ لِي وَيَسِّرْهُ لِي ثُمَّ بَارِكْ لِي فِيهِ، وَإِنْ كُنْتَ تَعْلَمُ أَنَّ هَذَا الأَمْرَ شَرٌّ لِي فِي دِينِي وَمَعَاشِي وَعَاقِبَةِ أَمْرِي فَاصْرِفْهُ عَنِّي وَاصْرِفْنِي عَنْهُ، وَاقْدُرْ لِي الْخَيْرَ حَيْثُ كَانَ ثُمَّ أَرْضِنِي بِهِ
रोमन में लिखावट | Roman Transliteration
Allāhumma innī astakhīruka bi’ilmika wa astaqdiruka biqudratika wa as’aluka min faḍlika l-‘aẓīm. Fa innaka taqdiru walā aqdiru, wa ta’lamu walā a’lamu, wa anta ‘allāmu l-ghuyūb. Allāhumma in kunta ta’lamu anna hādha l-amra khayrun lī fī dīnī wa ma’āshī wa ‘āqibati amrī fa-qdur-hu lī wa yassir-hu lī thumma bārik lī fīh. Wa in kunta ta’lamu anna hādha l-amra sharrun lī fī dīnī wa ma’āshī wa ‘āqibati amrī fa-ṣrif-hu ‘annī wa-ṣrifnī ‘anhu wa-qdur lī l-khayra ḥaythu kāna thumma arḍinī bih.
हिंदी में पढ़ने का तरीका | Hindi Transliteration
अल्लाहुम्मा इन्नी अस्तखीरुका बिइल्मिका व अस्तक़दिरुका बिक़ुदरतिका व अस्अलुका मिन फ़ज़्लिकल अज़ीम। फ़इन्नका तक़दिरु वला अक़दिरु व तअ’लमु वला अअ’लमु व अन्ता अल्लामुल गुयूब। अल्लाहुम्मा इन कुन्ता तअ’लमु अन्ना हाज़ल अमर खैरुल्ली फ़ी दीनी व मआशी व आक़िबति अमरी फ़क़्दुर्हु ली व यस्सिर्हु ली सुम्मा बारिक ली फ़ीह। व इन कुन्ता तअ’लमु अन्ना हाज़ल अमर शर्रुल्ली फ़ी दीनी व मआशी व आक़िबति अमरी फ़स्रिफ़्हु अन्नी वस्रिफ़्नी अन्हु वक़्दुर लियल खैर हैसु काना सुम्मा अर्ज़िनी बिह।
हिंदी अनुवाद | Hindi Translation
“ऐ अल्लाह! मैं आपके इल्म के ज़रिए भलाई चाहता/चाहती हूं, आपकी कुदरत से ताकत मांगता/मांगती हूं, और आपकी अज़ीम रहमत का सवाल करता/करती हूं। बेशक आप कादिर हैं, मैं नहीं। आप जानते हैं, मैं नहीं। आप गैब के जानने वाले हैं। ऐ अल्लाह! अगर आप जानते हैं कि यह काम (यहां अपना मक़सद सोचें) मेरे दीन, दुनिया और आखिरत के लिए बेहतर है, तो इसे मेरे लिए मुकद्दर कर दें, आसान कर दें और इसमें बरकत दें। और अगर आप जानते हैं कि यह काम मेरे दीन, दुनिया और आखिरत के लिए बुरा है, तो इसे मुझसे दूर कर दें, मुझे इससे दूर कर दें, और जहां भी भलाई हो, वह मेरे लिए मुकद्दर कर दें और मुझे उस पर राज़ी कर दें।”
Simple English Translation
“O Allah! I seek guidance through Your knowledge, and I seek ability through Your power, and I ask You of Your great bounties. For You have power, I have none. You know all, I know not. You are the Knower of hidden things. O Allah! If You know that this matter (here think of your need) is good for me in my religion, my life, and the outcome of my affairs, then decree it for me, make it easy for me, and bless it for me. But if You know that this matter is harmful for me in my religion, my life, and the outcome of my affairs, then turn it away from me, and turn me away from it, and decree for me what is good wherever it may be, and make me content with it.”
इस्तिखारा पढ़ने का सही तरीका | Correct Method of Istikhara
वुज़ू करें | Make Wudu
- पाक साफ़ होकर वुज़ू करें
दो रकात नफ्ल पढ़ें | Pray Two Rakats
- किसी भी वक़्त पढ़ सकते हैं (मकरूह वक़्त छोड़कर)
- पहली रकात में सूरह फ़ातिहा के बाद सूरह काफिरून
- दूसरी रकात में सूरह फ़ातिहा के बाद सूरह इख़लास
दुआ पढ़ें | Recite the Dua
- नमाज़ के बाद दुआ पढ़ें
- अपना मक़सद दिल में रखें
कब पढ़ें इस्तिखारा? | When to Perform Istikhara?
- रिश्ते की बात पर
- नई नौकरी के लिए
- कारोबार शुरू करने से पहले
- तालीम के फैसलों में
- सफर का इरादा हो तो
- घर या जायदाद खरीदने से पहले
अहम मसाइल | Important Points
कितने दिन पढ़ें?
- एक बार पढ़ना काफी है
- बेहतर है 3, 7 या 11 दिन पढ़ें
- जब तक दिल मुतमईन न हो
जवाब कैसे मिलेगा?
- दिल का सुकून
- हालात का आसान या मुश्किल होना
- ख्वाब की रहनुमाई
- अच्छे या बुरे इशारे
ज़रूरी हिदायात
- जल्दबाज़ी न करें
- वालिदैन से मशवरा करें
- अहल-ए-इल्म से राय लें
- अल्लाह पर भरोसा रखें
आम सवाल-जवाब | FAQs
Q: क्या सिर्फ अरबी में ही पढ़ना ज़रूरी है?
A: बेहतर है अरबी में पढ़ें, लेकिन अगर नहीं आती तो अपनी ज़बान में भी पढ़ सकते हैं।
Q: क्या इस्तिखारा के बाद ख्वाब देखना ज़रूरी है?
A: नहीं, ख्वाब देखना ज़रूरी नहीं है। हिदायत कई तरीकों से मिल सकती है।
Q: क्या दूसरों के लिए इस्तिखारा कर सकते हैं?
A: हां, दूसरों के लिए भी इस्तिखारा किया जा सकता है।
आखिरी बात | Conclusion
इस्तिखारा अल्लाह की तरफ से एक बेशकीमती नेमत है। यह हमें मुश्किल वक़्त में रास्ता दिखाती है और हमारे फैसलों में बरकत का ज़रिया बनती है। याद रखें, इस्तिखारा करने के बाद जो भी नतीजा आए, वह हमारे हक में बेहतर होता है।
यह दुआ सहीह बुखारी में हज़रत जाबिर बिन अब्दुल्लाह (रज़ि.) से रिवायत है।