माहे रजब की दुआ: अल्लाह की रहमतों और बरकतों का खास महीना

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रजब का तआरुफ और फज़ीलत

माहे रजब इस्लामी कैलेंडर का एक बेहद खास महीना है। ये चार मुकद्दस महीनों में से एक है, जिसमें अल्लाह तआला की बेशुमार रहमतें और बरकतें नाज़िल होती हैं। हदीस में आया है कि हुज़ूर ﷺ ने फरमाया: “रजब अल्लाह का महीना है, शाबान मेरा महीना है और रमज़ान मेरी उम्मत का महीना है।”

रजब के महीने की खासियत:

  • ये अल्लाह का महीना कहलाता है
  • इस महीने में नेक आमाल का सवाब कई गुना बढ़ जाता है
  • माफी और तौबा का बेहतरीन मौका है
  • रमज़ान की तैयारी का सबसे अच्छा वक्त है
  • इस महीने में दुआएं जल्द कबूल होती हैं

माहे रजब की मखसूस दुआएं और उनकी फज़ीलत

रोज़ाना की अहम दुआ

اللَّهُمَّ بَارِكْ لَنَا فِي رَجَبَ وَشَعْبَانَ وَبَلِّغْنَا رَمَضَانَ

Mahe Rajab Ki Dua In Arabic Text

पढ़ने का तरीका:

“अल्लाहुम्मा बारिक लना फी रजब व शाबान व बल्लिघना रमज़ान”

Mahe Rajab Ki Dua In Hindi Transliteration

इस दुआ की खासियत:

  • रजब और शाबान में बरकत मिलती है
  • रमज़ान तक पहुंचने की तौफीक मिलती है
  • रोज़ी में बरकत होती है
  • इबादत में आसानी होती है
Mahe Rajab Ki Dua In English Transliteration Of Arabic

इस्तिग़फार की खास दुआ

أَسْتَغْفِرُ اللهَ الَّذِي لَا إِلَهَ إِلَّا هُوَ وَحْدَهُ لَا شَرِيكَ لَهُ وَأَتُوبُ إِلَيْهِ

Istighfar Ki Khas Dua

पढ़ने का तरीका:

“अस्तग़फिरुल्लाह अल्लज़ी ला इलाहा इल्ला हुवा वह्दहू ला शरीका लहू व अतूबु इलैह”

Istighfar Ki Khas Dua Hindi Transliteration

इस्तिग़फार की फज़ीलत:

  • गुनाह माफ होते हैं
  • दिल साफ होता है
  • मुश्किलें आसान होती हैं
  • रिज्क में बरकत होती है

रजब में इबादत का मुकम्मल तरीका

सुबह के अमल (फज्र से इशराक तक)

  1. फज्र की नमाज़ बाजमाअत
  2. सूरह यासीन की तिलावत
  3. 100 बार इस्तिग़फार
  4. सुबह की मसनून दुआएं
  5. इशराक की नमाज़
  6. क़ुरान की तिलावत

दोपहर के अमल

  1. चाश्त की नमाज़
  2. ज़ुहर की नमाज़ बाजमाअत
  3. नफ्ल नमाज़
  4. तसबीह और ज़िक्र
  5. दुरूद शरीफ की कसरत

शाम और रात के अमल

  1. असर की नमाज़ बाजमाअत
  2. मग़रिब की नमाज़ बाजमाअत
  3. अवाबीन की नमाज़
  4. इशा की नमाज़ बाजमाअत
  5. तहज्जुद की नमाज़

रजब के खास दिनों की फज़ीलत और अमल

पहला जुमा

  • खास नफ्ल नमाज़
  • ज़्यादा से ज़्यादा दुआएं
  • सदका व खैरात
  • रोज़ा रखना मुस्तहब है

अय्यामुल बीज़ (13, 14, 15 तारीख)

  1. रोज़े रखना
  2. खास दुआएं पढ़ना
  3. तहज्जुद की नमाज़
  4. सदका करना

27 रजब की रात

  • पूरी रात इबादत
  • खास नफ्ल नमाज़
  • क़ुरान की तिलावत
  • दुआएं और मुनाजात

रजब में सदका और खैरात की अहमियत

सदका देने के तरीके

  1. रोज़ाना थोड़ा-थोड़ा सदका
  2. गरीबों को खाना खिलाना
  3. मस्जिद के लिए चंदा
  4. यतीमों की मदद
  5. मरीज़ों की मदद
  6. तालीम में मदद

सदके की फज़ीलत

  • गुनाह माफ होते हैं
  • बलाएं टलती हैं
  • रिज्क में बरकत होती है
  • आखिरत में अज्र मिलता है

दुआ कबूलियत के खास अवकात और आदाब

बेहतरीन वक्त

  1. तहज्जुद का वक्त
  2. फज्र से पहले
  3. जुमा का दिन
  4. अज़ान और इकामत के बीच
  5. बारिश का वक्त
  6. सजदे की हालत में
  7. रोज़े की हालत में

दुआ के आदाब

  1. वुज़ू की हालत में दुआ करें
  2. किब्ला रुख होकर दुआ करें
  3. दोनों हाथ उठाकर दुआ करें
  4. आहिस्ता आवाज़ में दुआ करें
  5. दिल से दुआ करें
  6. यकीन के साथ दुआ करें

रजब में गुनाहों से तौबा का तरीका

तौबा के शरायत

  1. दिल से पछतावा
  2. गुनाह छोड़ने का पक्का इरादा
  3. अल्लाह से माफी मांगना
  4. लोगों के हक़ अदा करना
  5. आइंदा गुनाह न करने का अहद

तौबा की दुआएं

[विभिन्न तौबा की दुआओं का ज़िक्र]

नेक आमाल की तफसीली फेहरिस्त

रोज़ाना के लाज़िमी अमल

  1. पांचों वक्त की नमाज़ बाजमाअत
  2. क़ुरान की तिलावत
  3. इस्तिग़फार और ज़िक्र
  4. वालिदैन की खिदमत
  5. हलाल कमाई
  6. अच्छा सुलूक

हफ्तावार अमल

  1. जुमा की नमाज़ की पाबंदी
  2. हफ्ते में कम से कम एक रोज़ा
  3. क़ुरान का एक पारा
  4. किसी गरीब की मदद
  5. रिश्तेदारों से मिलना

रजब में रूहानी तरक्की के नुस्खे

इबादत में खुशू और खुज़ू

  1. नमाज़ में खुशू पैदा करने के तरीके
  2. क़ुरान की तिलावत में तदब्बुर
  3. ज़िक्र में दिल की हाज़िरी
  4. दुआ में इख्लास

अख्लाकी तरबियत

  1. सब्र और शुक्र
  2. तवक्कुल और रज़ा
  3. इख्लास और सिदक
  4. हुस्ने अख्लाक
  5. मुआफ करना

माहे रजब के आखिरी अशरे की फज़ीलत

खास अमल

  1. एतिकाफ
  2. तहज्जुद
  3. सदका
  4. इस्तिग़फार
  5. दुआएं

शाबान की तैयारी

  1. रोज़ों की आदत डालना
  2. इबादत का शौक पैदा करना
  3. नफ्स की इस्लाह
  4. अच्छी आदतें डालना

आखिरी नसीहत और दुआ

रजब का महीना अल्लाह की रहमत और बरकतों का महीना है। इस महीने में जितना हो सके इबादत करें, दुआएं मांगें और तौबा करें। ये महीना हमारी रूहानी तरक्की का बेहतरीन मौका है। इस मौके को गनीमत समझें और अपनी आखिरत को बेहतर बनाने की कोशिश करें।

अल्लाह तआला से दुआ है कि वो हमें इस मुबारक महीने की बरकतें नसीब फरमाए, हमारी दुआओं को कबूल फरमाए और हमें नेक अमल की तौफीक अता फरमाए। आमीन।

नोट: इस महीने में कोई भी इबादत या अमल करने से पहले नीयत साफ रखें और इख्लास के साथ करें। सिर्फ अल्लाह की रज़ा के लिए अमल करें।

Rokaiya
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