निकाह की दुआ: मुकद्दस शादी को अल्लाह की रहमत से संवारें

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निकाह की अहमियत और शादी में दुआ का मक़सद

निकाह (Nikah in Islam) इस्लाम में सिर्फ़ एक कानूनी अनुबंध या रस्म नहीं है, बल्कि दो इंसानों के बीच मुकद्दस वादा है, जिसे अल्लाह की निगरानी में पूरा किया जाता है। निकाह की शुरुआत ही दुआ से होती है, क्योंकि इसके ज़रिए हम अल्लाह से बरकत, ख़ुशहाली और हिदायत माँगते हैं। भारतीय मुस्लिम समाज में शादी एक ख़ुशी भरा मौक़ा है, जहाँ रिश्तेदार, दोस्त और पूरा समुदाय इकठ्ठा होता है। ऐसे में निकाह की दुआ (Nikah ki Dua in Hindi) पढ़ना इस महफ़िल को और रूहानी बना देता है।

दुआ से हम अल्लाह की रहमत चाहते हैं, ताकि नवदंपति की ज़िंदगी में मोहब्बत, समझदारी और बरकत का सिलसिला हमेशा बना रहे। इसीलिए शादी की मजलिस में दुआओं का ख़ास मक़ाम होता है, ताकि दीन और दुनिया दोनों में अल्लाह की मदद हासिल की जा सके।


दुआ की भूमिका: रहमत, ख़ुशी और तरक़्क़ी का ज़रिया

जब भी हम कोई काम अल्लाह के नाम से शुरू करते हैं, तो उसमें ख़ैर और बरकत पैदा होती है। शादी जैसे अहम मौक़े पर इस्लामिक वेडिंग दुआ (Islamic wedding dua) बेहद ज़रूरी है, क्योंकि:

  • यह हमें याद दिलाती है कि शादी सिर्फ़ दुनिया का सौदा नहीं, बल्कि दीन की अहमियत भी रखता है।
  • दुआ माँगते वक़्त हम अपनी कमज़ोरियों को मानते हैं और अल्लाह की ताक़त और हिकमत पर भरोसा जताते हैं।
  • निकाह की दुआ, नवदंपति के भविष्य को अल्लाह के हवाले करने और बेहतरीन ज़िंदगी की दुआ करने का बेहतरीन तरीक़ा है।

निकाह की दुआ (Arabic, Transliteration, Hindi Translation, Explanation)

निकाह की दुआ जो आमतौर पर शादी में पढ़ी जाती है, वह यह है:

Arabic

بَارَكَ اللَّهُ لَكَ، وَبَارَكَ عَلَيْكَ، وَجَمَعَ بَيْنَكُمَا فِي خَيْرٍ

Transliteration

Bārakallāhu lak, wa bāraka ‘alayk, wa jama‘a baynakumā fī khayr.

Nikah Ki Dua In English Transliteration Of Arabic
Nikah Ki Dua Hindi Translation

हिंदी अनुवाद

“अल्लाह तुम्हें बरकत दे, तुम्हारे ऊपर अपनी रहमत बरसाए, और तुम दोनों को भलाई में एक साथ जोड़े।”

Nikah Ki Dua Hindi Translation

व्याख्या

  1. बारकल्लाहु लक: अल्लाह तुम्हें बरकत दे
  2. वा बारका अलैक: अल्लाह तुम्हारे ऊपर अपनी रहमत की बारिश करे
  3. वा जमाअ बैनकुमा फी ख़ैर: और अल्लाह तुम दोनों को नेकियाँ और भलाई के रास्ते पर मिल-जुलकर चलने की तौफ़ीक़ दे

इस दुआ का मक़सद है कि अल्लाह नवदंपति को ज़िंदगी के हर मोड़ पर रहमत, मोहब्बत और ख़ैर की दौलत से नवाज़े। जब शादी की मजलिस में यह दुआ पढ़ी जाती है, तो तमाम लोग मिलकर ऐलान करते हैं कि दूल्हा-दुल्हन की ज़िंदगी अल्लाह के हवाले और उसकी रहमत पर आधारित हो।


निकाह की दुआ पढ़ने का तरीक़ा: स्टेप-बाय-स्टेप गाइड

  1. निकाह से पहले या बाद में: आमतौर पर निकाह की मजलिस (समारोह) शुरू होने पर क़ाज़ी या इमाम ख़ुत्बा (शॉर्ट ख़ुत्बा) पेश करते हैं। इसी दौरान या निकाह के बाद, अक्सर यह दुआ पढ़ी जाती है।
  2. इजाब व क़बूल के बाद: दूल्हा-दुल्हन की रज़ामंदी (इजाब-व-क़बूल) के तुरंत बाद, क़ाज़ी या बड़े बुज़ुर्ग मौजूद लोगों को दुआ में शामिल होने के लिए कहते हैं।
  3. ख़ुद की तन्हाई में भी: परिवार के साथ सामूहिक दुआ के बाद दूल्हा-दुल्हन चाहें तो कुछ पल अलग रहकर, तन्हाई में भी इसी दुआ को दोहरा सकते हैं। यह उनकी आने वाली ज़िंदगी को रूहानी ताक़त देता है।
  4. جمع (Jam’a): एक साथ मिलकर यह दुआ पढ़ने की सलाह दी जाती है, ताकि महफ़िल में मौजूद तमाम लोगों की दुआएं नवदंपति को मिलें।

अतिरिक्त इस्लामी दुआएँ: मोहब्बत, समझदारी और बरकत के लिए

निकाह की दुआ के अलावा, कुछ और भी दुआएँ हैं जो नवविवाहित जोड़े की ज़िंदगी में ख़ुशहाली और बरकत लाने के लिए पढ़ी जा सकती हैं:

(1) मोहब्बत और रहमत की दुआ

Arabic: رَبَّنَا هَبْ لَنَا مِنْ أَزْوَاجِنَا وَذُرِّيَّاتِنَا قُرَّةَ أَعْيُنٍ وَاجْعَلْنَا لِلْمُتَّقِينَ إِمَامًا
Transliteration: Rabbana hab lana min azwajina wa dhurriyyatina qurrata a‘yunin waj‘alna lilmuttaqina imama
हिंदी अनुवाद:
“ऐ हमारे रब, हमें हमारी बीवियों और औलाद में आँखों की ठंडक अता फ़रमा और हमें परहेज़गारों का पेशवा बना।”

(2) तरक़्क़ी और बरकत की दुआ

Arabic: رَبِّ اشْرَحْ لِي صَدْرِي وَيَسِّرْ لِي أَمْرِي
Transliteration: Rabbi ishrah li sadri wa yassir li amri
हिंदी अनुवाद:
“ऐ मेरे रब, मेरा सीना खोल दे (मुझे हौसला दे) और मेरा काम आसान फ़रमा।” (क़ुरआन 20:25-26 से लिया गया)

(3) दुनिया और आख़िरत की भलाई

Arabic: رَبَّنَا آتِنَا فِي الدُّنْيَا حَسَنَةً وَفِي الْآخِرَةِ حَسَنَةً وَقِنَا عَذَابَ النَّارِ
Transliteration: Rabbana atina fi-d-dunya hasanatan wa fil-akhirati hasanatan wa qina ‘adhaban nar
हिंदी अनुवाद:
“ऐ हमारे रब, हमें दुनिया में भलाई अता फ़रमा और आख़िरत में भलाई बख़्श, और हमें जहन्नम के अज़ाब से बचा।” (क़ुरआन 2:201)

ये दुआएँ नवविवाहित जोड़े को दीन और दुनिया दोनों में अल्लाह की रहमत और हिदायत माँगने का मौक़ा देती हैं, जिससे उनकी शादीशुदा ज़िंदगी हमेशा ख़ुशहाल और मेहरबानी से भरी रहे।


शादी को रूहानी बनाने के लिए कारगर टिप्स

  1. क़ुरआन की تिलावत: निकाह से पहले कुछ आयतें पढ़ी जाएँ जो शादी और आपसी रिश्तों पर रोशनी डालती हों।
  2. सीरत-ए-नबी का ज़िक्र: पैग़ंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) की शादी से जुड़े वाक़यों का ज़िक्र करें, ताकि हमें उनके मुकद्दस अंदाज़ से सीख मिले।
  3. सादगी और modesty: इस्लाम में फ़िज़ूलखर्ची से बचने और सादगी अपनाने की तालीम दी गई है। कोशिश करें कि शादी मजलिस में ज़रूरत से ज़्यादा दिखावा न हो।
  4. ख़ानदान का दख़ल: शादी की रस्मों में ख़ानदान के बुज़ुर्गों और बच्चों को शामिल करें, ताकि बारकत और मोहब्बत बढ़े।
  5. सदक़ा और ख़ैरात: शादी के दिन सदक़ा (दान) देना बहुत अहम माना गया है। यह अल्लाह की ख़ुशी के लिए किया जाने वाला अमल है, जो शादी को नेकी के माहौल से जोड़ता है।
  6. आख़िर में दुआ: शादी के आख़िर में हमेशा एक मुकम्मल दुआ रखें, जहाँ सब लोग मिलकर नवदंपति की बेहतरी, प्रेम और दीन की पाबंदी के लिए दुआ माँगें।

ख़ुलासा: दीन और दुआ को रखें हमेशा ऊपर

निकाह इन इस्लाम (Nikah in Islam) एक ऐसा सफ़र है, जहाँ दीन और दुनिया साथ-साथ चलते हैं। जब हम निकाह की दुआ और अन्य इस्लामी दुआओं को अपनी शादी का हिस्सा बनाते हैं, तो हम अपनी ज़िंदगी का आगाज़ अल्लाह की रहमत के साथ करते हैं। यह दुआ सिर्फ़ शादी के मौक़े पर ही नहीं, बल्कि बाद में भी कई मौक़ों पर दोहराई जा सकती है। इससे याद रहता है कि हमारा रिश्ता अल्लाह के बंदों की तरह प्यार और परहेज़गारी पर टिका हुआ है।

दुआ माँगना हमारी ज़िम्मेदारी और अल्लाह का हुक्म भी है। शादीशुदा जोड़े को चाहिए कि वह अपने हर क़दम पर दुआ की अहमियत समझें और मुश्किल वक़्त में भी सबसे पहले अल्लाह से मदद माँगें। यूँ, इंसान की कोशिश के साथ अल्लाह की मदद होगी, तो ज़िंदगी में कामयाबी भी आएगी और आख़िरत में सवाब भी मिलेगा। इंशा अल्लाह!


उम्मीद है यह आर्टिकल आपको निकाह की दुआ और उसके इस्तेमाल के बारे में रौशनी देगा। अल्लाह से दुआ है कि वह हर मुसलमान के निकाह में ख़ैर, बरकत और मोहब्बत अता फ़रमाए। आमीन।

Rokaiya
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