पानी पीने की दुआ (Pani Peene Ki Dua) - एक मुकम्मल रहनुमाई
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रोज़ाना की ज़िंदगी में पानी एक ऐसी नेमत है जिसे हम अक्सर नज़रअंदाज़ कर देते हैं। अल्लाह तआला ने क़ुरान में फरमाया है कि हर चीज़ की ज़िंदगी का सबब पानी है। हमारे प्यारे नबी ﷺ ने हमें पानी पीने के आदाब सिखाए हैं और इस नेमत का शुक्र अदा करने की तरकीब बताई है। आज हम विस्तार से जानेंगे पानी पीने की दुआ (Pani Peene Ki Dua) और इससे जुड़े तमाम मसाइल के बारे में।
पानी की अहमियत इस्लाम में
इस्लाम में पानी की बेहद अहमियत है। अल्लाह तआला ने क़ुरान में फरमाया:
“और हमने पानी से हर ज़िंदा चीज़ को बनाया”। पानी की पाकीज़गी से ही हम वुज़ू और गुस्ल करते हैं, जो इबादत की बुनियाद है।
पानी से जुड़ी कुछ अहम बातें
- तहारत के लिए पानी का इस्तेमाल
- ज़मज़म का मुबारक पानी
- बारिश की दुआ की अहमियत
- पानी का इसराफ न करने की हिदायत
पानी पीने से पहले की दुआ (मकमल तफ़सील)
अरबी में:
بِسْمِ اللهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِيْمِ
तलफ्फ़ुज़:
“बिस्मिल्लाहिर्-रहमानिर्-रहीम”
तर्जुमा और तशरीह:
अल्लाह के नाम से शुरू, जो बड़ा मेहरबान और रहम वाला है। ये दुआ हर नेक काम की शुरुआत है, जिससे बरकत मिलती है।
पानी पीने के बाद की दुआ (मुकम्मल बयान)
अरबी में:
الْحَمْدُ لِلَّهِ الَّذِي سَقَانَا عَذْبًا فُرَاتًا بِرَحْمَتِهِ وَلَمْ يَجْعَلْهُ مِلْحًا اُجَاجًا بِذُنُوبِنَا
तलफ्फ़ुज़:
“अल्हम्दुलिल्लाहिल्-लज़ी सक़ाना अज़्बन फ़ुरातन बिरहमतिही वलम यज्अल्हु मिल्हन उजाजन बिज़ुनूबिना”
तफ़सीली तर्जुमा:
तमाम तारीफ़ें अल्लाह के लिए हैं जिसने अपनी रहमत से हमें मीठा और साफ पानी पिलाया और हमारे गुनाहों की वजह से इसे खारा और कड़वा नहीं बनाया।
For English-Speaking Brothers and Sisters
The Complete Dua for Drinking Water
Before Drinking:
Arabic: “Bismillahir-Rahmanir-Rahim”
Meaning: In the name of Allah, the Most Gracious, the Most Merciful
After Drinking:
Arabic: “Alhamdulillahil-ladhi saqana ‘adhan furatan birahmatihee walam yaj’alhu milhan ujajan bidhunubina”
Meaning: All praise is for Allah who has given us sweet water to drink through His mercy, and did not make it salty and bitter because of our sins
सुन्नत तरीक़े से पानी पीने के आदाब
हुज़ूर ﷺ ने हमें पानी पीने के जो आदाब सिखाए हैं, वो इस तरह हैं:
- पानी का बरतन दाएं हाथ में लेना
- बैठकर पानी पीना
- “बिस्मिल्लाह” पढ़कर शुरू करना
- तीन सांस में पीना
- हर घूंट के बाद बरतन को मुंह से हटाना
- बरतन में सांस न छोड़ना
- पीने के बाद “अल्हम्दुलिल्लाह” कहना
- दूसरों को भी पानी पिलाना
पानी पीने की दुआ (Pani Peene Ki Dua) की फज़ीलत
हदीस शरीफ में आया है कि जो शख्स पानी पीते वक्त इन दुआओं को पढ़ता है, उसे कई फज़ीलतें हासिल होती हैं:
- अल्लाह की रहमत नाज़िल होती है
- फरिश्ते उसके लिए दुआ करते हैं
- नेकियां लिखी जाती हैं
- गुनाह माफ होते हैं
- रिज्क में बरकत होती है
पानी से जुड़ी कुछ ज़रूरी मसाइल
पाक और नापाक पानी
- पाक पानी की पहचान
- इस्तेमाल के क़ाबिल पानी
- नापाक पानी से बचने की हिदायत
पानी का इसराफ
- वुज़ू में पानी का इस्तेमाल
- रोज़मर्रा में बचत
- इसराफ से बचने की तदबीरें
खास मौक़ों पर पानी की अहमियत
रमज़ान में पानी
- सहरी के वक्त पानी पीने की हिकमत
- इफ्तार में पानी की अहमियत
- तरावीह के दौरान पानी पीने के आदाब
ज़मज़म का पानी
- ज़मज़म की तारीख
- फज़ीलत और बरकत
- पीने के मखसूस आदाब
बच्चों को पानी पीने के आदाब सिखाना
- छोटी उम्र से दुआ की तालीम
- सही तरीक़े से पीने की मशक़
- इसराफ से बचने की तरबियत
- दूसरों को पिलाने की आदत डालना
आसान ज़बान में याद करने का तरीक़ा
दुआ को आसानी से याद करने के लिए इन बातों का ख्याल रखें:
- रोज़ाना पढ़ने की आदत डालें
- लफ्ज़ों को टुकड़ों में याद करें
- मानी समझकर याद करें
- दूसरों को भी सिखाएं
खातिमा (निचोड़)
पानी पीने की दुआ हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी का अहम हिस्सा है। ये सिर्फ अल्फाज़ नहीं, बल्कि अल्लाह की नेमतों का एहसास और शुक्र का ज़रिया है। जब भी पानी पियें, इन दुआओं को पढ़ना न भूलें। इस छोटी सी इबादत से आपकी ज़िंदगी में बरकत आएगी, इंशाअल्लाह।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
सवाल 1: क्या खड़े होकर पानी पी सकते हैं?
जवाब: सुन्नत ये है कि बैठकर पानी पिया जाए। हालांकि, मजबूरी में खड़े होकर पी सकते हैं।
सवाल 2: क्या एक ही सांस में पानी पीना चाहिए?
जवाब: नहीं, सुन्नत तीन सांस में पीने की है।
सवाल 3: क्या गरम पानी पीने से पहले भी यही दुआ पढ़ें?
जवाब: जी हां, हर तरह का पानी पीने से पहले यही दुआ पढ़ें।
इस मज़मून को पढ़ने के बाद उम्मीद है आप पानी पीने की दुआ (Pani Peene Ki Dua) और इससे जुड़े आदाब को बेहतर समझ गए होंगे। अल्लाह तआला हम सबको इस पर अमल करने की तौफ़ीक़ अता फरमाए। आमीन।