
रोज़े की नियत की दुआ: आसान तरीक़ा (2024)
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बिस्मिल्लाह हिर्रहमानिर्रहीम
अल्लाह का लाख-लाख शुक्र है कि एक बार फिर रमज़ान का मुबारक महीना हमारे दरवाज़े पर दस्तक दे रहा है। यह वो मुबारक महीना है जिसमें अल्लाह तआला अपनी रहमत और बरकत के दरवाज़े खोल देता है। जन्नत के दरवाज़े खुल जाते हैं और जहन्नम के दरवाज़े बंद कर दिए जाते हैं।
नियत की फ़ज़ीलत
हमारे प्यारे नबी हज़रत मुहम्मद ﷺ ने इरशाद फ़रमाया है: “आमाल का दारोमदार नियतों पर है।” यानी हर अमल की क़बूलियत उसकी नियत पर है।
रोज़े की नियत की दुआ
अरबी में दुआ
وَبِصَوْمِ غَدٍ نَوَيْتُ مِنْ شَهْرِ رَمَضَانَ
अंग्रेज़ी में लिखावट (English Transliteration)
“Wa bisawmi ghadinn nawaitu min shahri ramadan”
हिंदी में लिखावट
“वबिसौमि ग़दिन् नवैतु मिन् शहरि रमज़ान”
दुआ का तर्जुमा
- अरबी: وَبِصَوْمِ غَدٍ نَوَيْتُ مِنْ شَهْرِ رَمَضَانَ
- हिंदी: मैं कल के दिन के लिए रमज़ान के महीने का रोज़ा रखने की नियत करता/करती हूं
- English: I intend to keep the fast of tomorrow in the month of Ramadan
- उर्दू: میں کل کے دن کے لئے ماہ رمضان کا روزہ رکھنے کی نیت کرتا/کرتی ہوں
लफ्ज़-ब-लफ्ज़ मायने (Word by Word Meaning)
- वबि (Wa bi)
- अरबी: وَبِ
- अंग्रेज़ी: And I
- हिंदी: और मैं
- सौमि (sawmi)
- अरबी: صَوْمِ
- अंग्रेज़ी: fast
- हिंदी: रोज़े
- ग़दिन् (ghadinn)
- अरबी: غَدٍ
- अंग्रेज़ी: tomorrow
- हिंदी: कल
- नवैतु (nawaitu)
- अरबी: نَوَيْتُ
- अंग्रेज़ी: I intend
- हिंदी: नियत करता/करती हूं
- मिन् (min)
- अरबी: مِنْ
- अंग्रेज़ी: from/of
- हिंदी: से
- शहरि (shahri)
- अरबी: شَهْرِ
- अंग्रेज़ी: month
- हिंदी: महीने
- रमज़ान (ramadan)
- अरबी: رَمَضَانَ
- अंग्रेज़ी: Ramadan
- हिंदी: रमज़ान
सही तलफ्फ़ुज़ का तरीक़ा (Pronunciation Guide)
- तीन हिस्सों में पढ़ें:
- पहला हिस्सा: “वबिसौमि ग़दिन्”
- दूसरा हिस्सा: “नवैतु मिन्”
- तीसरा हिस्सा: “शहरि रमज़ान”
- मखारिज की हिदायात:
- ‘व’ को बिल्कुल हल्का पढ़ें
- ‘ग़’ को गले से अदा करें
- ‘न्’ पर नुक्ता लगाएं
- ‘ज़’ को साफ़ अदा करें
- आसान क़दम:
- हर लफ्ज़ को अलग-अलग पहले सीखें
- फिर जोड़कर पढ़ना शुरू करें
- बार-बार दोहराएं
नियत का मुनासिब वक़्त
अफ़ज़ल वक़्त:
- रात को सोने से पहले
- सेहरी के वक़्त
- फज्र की अज़ान से पहले
ज़रूरी मसाइल
- हर रोज़े के लिए नई नियत ज़रूरी है
- दिल में नियत काफी है
- ज़ुबान से पढ़ना मुस्तहब है
- फज्र से पहले नियत कर सकते हैं
बच्चों के लिए आसान तरीक़ा
आप इन तीन तरीक़ों में से कोई भी अपना सकते हैं:
- सबसे आसान तरीक़ा:
- दिल में कहें: “या अल्लाह, मैं कल आपके लिए रोज़ा रखूंगा/रखूंगी”
- हिंदी/उर्दू में:
- “मैं कल रमज़ान का रोज़ा रखने की नियत करता/करती हूं”
- अरबी में:
- ऊपर दी गई दुआ पढ़ें
दुआ-ए-ख़ैर
“या अल्लाह, हमारी नियत और हमारे रोज़े क़बूल फरमा और हमें नेक आमाल की तौफ़ीक़ अता फरमा। आमीन सुम्मा आमीन।”
इस इल्म को दूसरों तक पहुंचाएं। जज़ाकल्लाह ख़ैरन!
अगर कोई सहव हो तो माफ़ फरमाएं। अल्लाह हम सब को सिरात-ए-मुस्तक़ीम पर क़ायम रखे।